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बदलाव के विचार

आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है।
-भगत सिंह 

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अमीरी और गरीबी मे फर्क

अमीरी ले जाती है जेवर की दुकान पर, और गरीबी कान छिद्वती है, एक टिन का पहनने के लिये .  फूटपथ पर सो जाते हैं अखबर बिछकर मजदुर कभी नींद की गोली नहीं खाते दौलत है बेशुमार मुक्कदर को क्या कहें है मखमली बिस्तर मगर हम सो नहीं पाते