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Showing posts with the label स्वामी विवेकानंद

अच्छी बात

पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है। -स्वामी विवेकानंद

धन का उपयोग

अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है. Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद