Skip to main content

द्वेष और क्षति

आत्म-द्वेषाद् भवेनम्रुत्युः, पर-द्वेषाद् धन-क्षयः |
राज-द्वेषाद् भवेन्नाशो, ब्रह्म-द्वेषाद् कुल-क्षयः ||

आपने  साथ द्वेष करने से मृत्यु होती है | दूसरे के साथ द्वेष करने से धन का क्षय होता है | राज्य के साथ द्वेष करने से अपना नाश होता है | ज्ञान के साथ द्वेष करने से कुल का नाश होता है |

Comments

Popular posts from this blog

शिक्षक दिवस -7

एक बेहतरीन टीचर के साथ गुज़रा हुआ एक दिन; दिल लगा के पढ़े हुए 1000 दिनों से बेहतर है। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!

अच्छी बातें

आप कितनी ही अच्छी बातें पढ़ें, कितनी ही अच्छी बातें बोलें, पर अगर आप उन्हें अपनी जिंदगी में लागू नहीं करते तो इसका क्या फायदा। Lord Gautama Buddha