Skip to main content

प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता

किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं। खुद को स्वीकारिये।
-ओशो

Comments

Popular posts from this blog

अमीरी और गरीबी मे फर्क

अमीरी ले जाती है जेवर की दुकान पर, और गरीबी कान छिद्वती है, एक टिन का पहनने के लिये .  फूटपथ पर सो जाते हैं अखबर बिछकर मजदुर कभी नींद की गोली नहीं खाते दौलत है बेशुमार मुक्कदर को क्या कहें है मखमली बिस्तर मगर हम सो नहीं पाते 

TODAY'S POST

Difference between House and Home एे खुदा मुझ पर इतना करम कर दे मै जिस मकान मे रहता हुँ उस मकान को बस घर कर दे #UKSIR POST