अमीरी ले जाती है
जेवर की दुकान पर,
और गरीबी
कान छिद्वती है,
एक टिन का पहनने के लिये .
फूटपथ पर सो जाते हैं
अखबर बिछकर
मजदुर कभी नींद की गोली नहीं खाते
दौलत है बेशुमार
मुक्कदर को क्या कहें
है मखमली बिस्तर
मगर हम सो नहीं पाते
अखबर बिछकर
मजदुर कभी नींद की गोली नहीं खाते
दौलत है बेशुमार
मुक्कदर को क्या कहें
है मखमली बिस्तर
मगर हम सो नहीं पाते
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