ये मेरा देश आज गूंगा बेहरा दिखाई पड़ता है, यहाँ इंक़लाब का नारा भी झुटा सुनाई पड़ता है, अंग्रेज़ो कि तानाशाही सेहन करना हम सिख गए, क्योकि अब अंग्रेजी इंसान हिंदी बोलना सिख गए.. मेरे देश का मेहमान यहाँ पर राज करता है, एक सरदार अपनी इंसानियत से डरता है, हो गया मेरा मत चंद पेसो का मोहताज़, खरीद लिया उसने मेरे देश का ताज़, भ्रष्ट्राचार का भूत मुझे सोने नहीं देता है, ये मेरा देश आज गूंगा बेहरा दिखाई पड़ता है..!
एक बेहतरीन टीचर के साथ गुज़रा हुआ एक दिन; दिल लगा के पढ़े हुए 1000 दिनों से बेहतर है। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!
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