नहीं हैं शब्द कैसे करूँ धन्यवाद; बस चाहिए हर पल सबका आशीर्वाद; हूँ आज मैं जहाँ उसमे है बड़ा योगदान आप सबका; जिन्होंने दिया मुझे शिक्षा का ज्ञान; शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें!
अमीरी ले जाती है जेवर की दुकान पर, और गरीबी कान छिद्वती है, एक टिन का पहनने के लिये . फूटपथ पर सो जाते हैं अखबर बिछकर मजदुर कभी नींद की गोली नहीं खाते दौलत है बेशुमार मुक्कदर को क्या कहें है मखमली बिस्तर मगर हम सो नहीं पाते
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