ये मेरा देश आज गूंगा बेहरा दिखाई पड़ता है, यहाँ इंक़लाब का नारा भी झुटा सुनाई पड़ता है, अंग्रेज़ो कि तानाशाही सेहन करना हम सिख गए, क्योकि अब अंग्रेजी इंसान हिंदी बोलना सिख गए.. मेरे देश का मेहमान यहाँ पर राज करता है, एक सरदार अपनी इंसानियत से डरता है, हो गया मेरा मत चंद पेसो का मोहताज़, खरीद लिया उसने मेरे देश का ताज़, भ्रष्ट्राचार का भूत मुझे सोने नहीं देता है, ये मेरा देश आज गूंगा बेहरा दिखाई पड़ता है..!
गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं , यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो। Mistakes are always forgivable, if one has the courage to admit them. -Bruce Lee ब्रूस ली
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